कानपुर व आसपास के इलाकों में हिमालय की पर्वतीय श्रंखलाओं पर हुई बर्फबारी और बारिश का असर मैदानी इलाकों में आना शुरू हो गया है. उत्तर पश्चिमी हवाओं में तेजी आते ही दिन में माहौल में गलन बढ़ गई. शहरियों ने एक स्वेटर चढ़ा लिया लिया. सीएसए के मौसम विभाग का अनुमान है कि उत्तर पश्चिमी हवाओं की निरंतरता बनी रही तो शुक्रवार से ठंड में और इजाफा हो जाएगा. नहरों, नदियों और जलभराव वाले स्थानों पर कोहरे का घनत्व बढ़ेगा.
बुधवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य औसत के बराबर रहा है. सीएसए के मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि इस समय उत्तर पश्चिमी हवाएं लगभग पांच किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही हैं. हवाओं में तेजी रहने से धुंध छंट गई है. इससे दृश्यता लगभग सामान्य रही है। बुधवार को बादल नहीं रहे. इससे न्यूनतम पारा 1.4 डिग्री कम हो गया है. दिन में धूप रहने की वजह से अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री बढ़ गया. बादल आने पर रात और दिन के तापमान में हल्का उतार-चढ़ाव होता रहेगा. लेकिन माहौल में ठंडक में इजाफा होता रहेगा.
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इस वक्त उत्तर पश्चिमी सर्द हवाएं चल रही हैं. बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है लेकिन उसका असर कानपुर परिक्षेत्र पर अधिक नहीं आएगा. इसके प्रभाव से हल्के और ऊंचे बादल आ सकते हैं. इससे भी ठंड बढ़ेगी. हवाओं की निरंतरत ठंड बढ़ाती रहेगी. बादलों की आवाजाही से पारा में एक-दो डिग्री का उतार-चढ़ाव रहेगा. उन्होंने कहा कि यह मौसम फसलों के विकास के लिए मुफीद है. किसान हल्की सिंचाई करके खेतों में नहीं बनाए रखें.
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