इरशाद खान, हमीरपुर।
शादी में अक्सर दूल्हें लग्ज़री गाड़ियों से दुल्हन लाना पसंद करते हैं. यहां तक कि कुछ संपन्न परिवार दुल्हन के लिए हेलीकॉप्टर भी बुक कर लेते हैं लेकिन इसके उलट यूपी के हमीरपुर में लग्जरी कार से दुल्हन को विदा कराने के बजाय एक संपन्न परिवार के बेटे ने अपने किसान पिता की इच्छा पूरी करने के लिए बैंक्वेट हाल से घर तक बैलगाड़ी से दुल्हन को लाया, जहां पर दूल्हा-दुल्हन का स्वागत किया गया, दूल्हा-दुल्हन को बैलगाड़ी पर देखने वालों की भीड़ सड़क किनारे लगी रही.
ये मामला चरखारी रोड का है. जहां राजीव उर्फ राजू द्विवेदी 55 बीघा कृषि भूमि के काश्तकार हैं. उन्होंने बेटे विवेक उर्फ राजा द्विवेदी की शादी महोबा जिले के सूपा गांव की रहने वाली राकेश शुक्ला की बेटी रोहिणी के साथ तय की थी. कन्या पक्ष ने कस्बे के शादी पैलेस से शादी संपन्न करने के सारे इंतजाम किये. रविवार की रात बैंड बाजा के साथ बारात विवाह स्थल पहुंची जहां कन्या पक्ष ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया. द्वारचार के बाद वरमाला की रस्म अदा की गई शादी के मंडप पर दूल्हा-दुल्हन ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए. शादी संपन्न होने के बाद सोमवार सुबह जब दुल्हन की विदाई की बेला आई तो दूल्हा राजा ने दुल्हन को बैलगाड़ी से विदाई की इच्छा जाहिर की.
जिसके बाद दूल्हा राजा की मांग पर बैलगाड़ी मंगाई गई. बैलगाड़ी और उसके दोनों बैलों को फूल मालाओं से सजाया गया और विदाई की बेला में दुल्हन बैलगाड़ी में बैठ गई. तब दूल्हा राजा खुद ही एक किमी बैलगाड़ी हांकते हुए अपने घर तक आया. दुल्हे को बैलगाड़ी हांकते हुए देखकर लोग दंग रह गए. बैलगाड़ी घर पहुंचते ही परिजनों ने दूल्हा-दुल्हन का जोरदार स्वागत किया. दुल्हन की बैलगाड़ी में विदाई का नजारा देखने को लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
इसे लेकर दूल्हे ने बताया कि उसके पिता का कहना था कि शादी के बाद दुल्हन की विदाई बैलगाड़ी से होनी चाहिए. इसी इच्छा को पूरी करने के लिए उसने बैलगाड़ी से विदाई कराई. दूसरी ओर दूल्हे की बात सुनकर दुल्हन की भी आंखें भर आईं. ससुराल में फूल-माला से उसका स्वागत किया गया.
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