राहु-केतु को ज्योतिष में क्रूर और पापी ग्रह कहा गया है. शनि की तरह यदि राहु-केतु भी कुंडली में नकारात्मक स्थिति में हों तो जीवन में मुसीबतों का ढेर लग जाता है. वहीं राहु शुभ है तो जातक राजा जैसी जिंदगी जीता है. राजनीति में ऊंचा मुकाम पाता है. जानिए कैसे पहचान करें कि राहु खराब है या राहु खराब होने पर जीवन में किस तरह की घटनाएं होती हैं.
राहु राक्षसी ग्रह: राहु राक्षसी सांप का मुखिया है. राहु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है. छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है. राहु के गुण रोग, शत्रुता और ऋण होते हैं. यदि राहु बली है तो जातक बहुत ज्यादा धार्मिक हो जाता है और यदि राहु खराब है तो कई अनैतिक कार्यों में ढकेल देता है. साथ ही बीमारियां, कर्ज, नशे की लत देता है.
राहु बनाता है कई अशुभ योग: कुंडली में यदि राहु किसी अन्य ग्रह के साथ बैठ जाए तो उस पर भी अशुभ असर डालता है और अशुभ योग बनाता है. जैसे कुंडली में सूर्य और राहु की युति से पितृ दोष, शनि और राहु की युति से श्रापित दोष, चंद्र और राहु की युति से ग्रहण दोष, गुरु और राहु की युति से गुरु चांडाल योग, शुक्र और राहु की युति से पत्भर्थ दोष आदि बनते हैं.
खराब राहु के लक्षण: राहु खराब होने से कई बीमारियां होती हैं. जैसे- पेट संबंधी समस्या, माइग्रेन, रिश्ते खराब होना, भ्रम की स्थिति रहना, निर्णय ले पाने जैसी समस्याएं होती हैं. इसके अलावा आर्थिक नुकसान, लोगों के साथ तालमेल में कमी, बात-बात पर आपा खोना, वाणी कड़वी होना, वाहन दुर्घटना, मानहानि, नशे की लत का शिकार होना भी खराब राहु के लक्षण हैं. ऐसे लोग बुरी संगत में फंस जाते हैं और घर की संपत्ति-विरासत भी तबाह कर बैठते हैं.
राहु को शांत करने के उपाय: राहु मन को भ्रमित करता है इसलिए ऐसे लोगों को योग-ध्यान जरूर करना चाहिए. रोजाना शिव की पूजा करें और “ऊं नमः शिवाय” मंत्र का जाप भी करें. भगवान भैरव नाथ के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी राहु को शांत करता है. रोजाना हनुमान चालीसा पढ़ें. यदि विवाहित हैं तो ससुराल पक्ष के लोगों से अच्छे संबंध रखें. नशे से दूर रहें.
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