कानपुर में डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह के ऐक्शन से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. मंगलवार की सुबह-सुबह सीएमओ के दफ्तर पर पहुंचे डीएम का पारा तब हाई हो गया जब वहां सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी खुद और करीब एक तिहाई स्टाफ (34 स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी) गैरहाजिर मिला. डीएम ने न सिर्फ सबकी एक दिन की सैलरी रोक दी बल्कि कैमरे पर सबको खरी-खरी सुनाते हुए यह भी कह दिया कि ड्यूटी को लेकर आगे ऐसी लापरवाही की तो और भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
डीएम ने पूरी जानकारी देते हुए कहा- ‘मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर नगर का आज निरीक्षण किया गया मेरे द्वारा प्रात: 10:10 बजे से 10:20 बजे के बीच में. यहां पर सीएमओ साहब खुद एबसेंट हैं 10:20 बजे जिसका कोई कारण नहीं है. उसके अलावा कुल मिलाकर कुल करीब 101 लोग हैं सीएमओ को मिलाकर जिनके रजिस्ट्रर में नाम हैं या होने चाहिए. उसमें से करीब 34 लोग एबसेंट हैं। यहां तैनात 10 डॉक्टर में से 5 डॉक्टर एबसेंट हैं. आठ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में से सात एबसेंट हैं.
इसी प्रकार से जो हमारे नियमित कर्मचारी हैं 43 उनमें से भी 13 लोग एबसेंट हैं. तो वन थर्ड स्टाफ इस समय एबसेंट है जो टीम लीडर सीएमओ होते हैं वो खुद ही एबसेंट हैं जबकि शासन का यह निर्देश है सभी कार्यालयाध्यक्षों के लिए जो कि सीएमओ होते हैं कि 10 से 12 के बीच में पब्लिक को सुनेंगे, जनता दर्शन में बैठेंगे और लोगों की समस्याओं का निराकरण करेंगे. परंतु जब सीएमओ खुद लीड नहीं करेंगे तो बाकी टीम को भी कैसे मोटिवेट (प्रेरित) कर पाएंगे?’
डीएम ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गैरहाजिरी बढ़ रही है. जो लोग आज गैरहाजिर हैं उनका एक दिन का वेतन रोका जा रहा है. यह तब तक जारी नहीं होगा जब तक कि ये लोग कोई पुख्ता कारण नहीं बताते. हम बीच-बीच में दोबारा निरीक्षण कराएंगे और यदि यह फिर पाया जाता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही कराई जाएगी.
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