गंगा और यमुना सहित कई नदियों में आई बाढ़ की वजह से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हाहाकार मच गया है. जलस्तर ने उन्नाव के गंगाघाट इलाके में लोगों को बड़ी परेशानी में डाल दिया है. नदी का जल प्रवाह इंद्रा नगर मोहल्ले के एक मंदिर किनारे लगे 100 साल पुराने पीपल के पेड़ को बहा ले गया. जड़ समेत उखड़कर बहे पेड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
पेड़ बहने के वीडियो में कुछ महिलाएं ईश्वर से प्रार्थना करती हुई नजर आ रही हैं. महिलाओं को कहते सुना जा सकता है, पूरा पेड़ बह गया… गया…., शनिचर बाबा भी गए. बाबा भोलेनाथ ऐसा तो कुछ न करो… हे परमेश्वर..!!
दरअसल, पेड़ के नीचे शनि देव का भी एक छोटा-सा मंदिर बना हुआ था. जड़ से पेड़ के उखड़ने के बाद शनिदेव का मंदिर भी नदी में बह गया.
उन्नाव में लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से जिले के गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बाढ़ की चपेट में आने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है. बाढ़ के पानी से जिले की चार सदर, बांगरमऊ, बीघापुर और सफीपुर तहसीलों के कई गांव प्रभावित हैं.
इन तहसील क्षेत्रों में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बाढ़ की चपेट में भी आ चुकी हैं. लगातार 24 घंटे से बढ़े गंगा के जलस्तर से कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ के पानी से बांगरमऊ तहसील के कटरी गदनपुर आहार, फरीदपुर कट्टर, नयापुरवा, धन्नापुरवा, मन्नापुरवा समेत अन्य गांव इसकी चपेट में आ चुके हैं. गांव में रहने वाले सैकड़ों लोगों के लिए बाढ़ का पानी एक बड़ी मुसीबत बन चुका है.
इस मामले में एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कुल 33 नाव अलग-अलग तहसील के गावों में लगवा दी गई हैं. शुक्लागंज में 10, परियर में 10, गदनपुरआहार में 9 बीघापुर तहसील के पसेनिया में 2 और सफीपुर तहसील के जमाल नगर, अहतमानी गांव में 2 नावें लगाई गई हैं. बाढ़ के पानी से अभी तक 300 हेक्टेयर तक किसानों की फसलें जलमग्न हुई हैं. सर्वे करवाया जा रहा है. बाढ़ ग्रसित लोगों के लिए 500 राहत सामग्री किट वितरित किया गया है. अन्य लोगों के लिए भी राहत सामग्री किट बांटी जाएगी. बहरहाल, यूपी में एक तरफ नदियों की बाढ़ जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से राहत और बचाव के भी कार्य तेजी के साथ किया जा रहे हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रभावित परिवारों के लिए एक तरफ जहां सेंटर होम खोले गए हैं और उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. इसके अलावा तरफ पशुओं के लिए चारे की भी व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाके में सरकार निर्धारित राशन किट का वितरण भी कर रही है.
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