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भारत में रहना है तो जय श्रीराम कहना होगा….स्वामी रामभद्राचार्य के बयान पर सहारनपुर में मचा बवाल

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जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत में रहना है तो जय श्री राम कहना होगा. इतना ही नहीं जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि जो जय श्रीराम नहीं कहेगा वह इस देश में नहीं रहेगा. जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के इस बयान के बाद विरोध शुरू हो गया है. यूपी के सहारनपुर में मुसलमानों ने इसका​ विरोध किया है. 

स्वामी रामभद्राचार्य ने क्या कहा? दरअसल, छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में हो रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि अगर भारत में रहना है तो जय श्री राम कहना होगा. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग सनातन धर्म के खिलाफ हैं, वे भारत में नहीं टिक पाएंगे. आस्तिक बनकर रहो, नहीं तो बच नहीं पाओगे. वे श्रीराम के विरोध को लेकर भी इमोशनल दिखे. 

मौलाना हाजी उवैश ने पब्लिसिटी स्टंट बताया:  उनके इस बयान को लेकर सहारनपुर के मौलाना हाजी उवैश का कहना है कि यह केवल एक पब्लिसिटी का स्टंट है, यदि आपको शोहरत हासिल करनी है तो कुछ भी ऐसा कह दीजिए जिस पर लोग उसका विरोध करें तो आप प्रसिद्ध हो जाओगे. यह लगातार विरोधी और विवादास्पद बयान देने के लिए मशहूर हैं. यह देश सबका है. संविधान ने सभी को अधिकार दिया है कि वह अपने-अपने धर्म को माने. पूजा करें, दुआ करें, नमाज अदा करें. इसके लिए किसी को भी कोई बंदिश नहीं है. 

सहारनपुर के मुसलमानों में दिखा आक्रोश:  मौलाना ने कहा कि सभी के अपने धार्मिक स्थल हैं. इस तरह के बयान देकर बेवजह विवाद को पैदा करना है और कुछ लोग इस तरह के विवादित बयान देकर शोहरत हासिल करते हैं. वहीं आम मुसलमानों का कहना था कि संविधान में सभी को छूट है कि कौन किसकी इबादत करें और किसकी नहीं. ऐसे में किसी को कोई अधिकार नहीं है कि अपनी तानाशाही अपनी जबरदस्ती किसी पर भी थोपे. यह आजाद मुल्क है, सभी को अपने धर्म अपने मन से मानने की आजादी है. 

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