शनिवार के दिन की शुरुआत शनि ग्रह से होती है जो कर्मफल और न्याय के कारक ग्रह है. ध्यान दें कि शनिवार को शनिदेव से जुड़े कुछ उपाय करें तो उनकी क्रूर दृष्टि के प्रभाव को कम किया जा सकता है. शनिदेव प्रसन्न हो जातक को उसके कर्मों का पूरा फल दे सकते हैं और और शनिदोष से मुक्त कर सकते हैं. आइएं जानें शनिवार के दिन श्रमदान समेत कौन से और काम करें जिससे शनिदेव प्रसन्न हो सकें ताकि महादशा, साढ़े साती, ढैय्या से छुटकारा मिल सके.
शिवलिंग पर अभिषेक करें: शनिदेव शिव जी के भक्त हैं ऐसे में अगर भगवान शिव का नियमित रूप से जलाभिषेक करें और शिवलिंग पर शुद्ध जल, दूध के साथ ही शहद, बेलपत्र व गंगाजल अर्पित करें तो मानसिक शांति मिलेगी, शनि से जुड़े सभी तरह की बाधाओं का अंत होगा. शिव मंदिर में श्रद्धापूर्वक रुद्राभिषेक करते हुए “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें.

शनिदेव के बीज मंत्रों का जाप करें: शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें और शनिदेव के मंत्रों का जाप 108 बार करें. मंत्र है- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” या “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” शनिदेव की क्रूर दृष्टि से बच पाएंगे और शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो सकेंगे.
काले तिल और सरसों का तेल दान करें: दान के उपाय करने से शनिदेव अति प्रसन्न हो जाते हैं. शनि को प्रसन्न करने का यह एक बहुत ही आसान उपाय है. शनिवार के दिन काले तिल, से लेकर सरसों का तेल दान करें, काले कपड़े का दान करें, लोहे का सामान और जूता चप्पल दान करें. ऐसा हर शनिवार करने से शनिदोष दूर होता है. धन संपत्ति से जुड़ी बाधाओं का अंत होगा और जीवन में संतुलन आएगा.
गरीबों और श्रमिकों की सेवा करें: शनिदेव को प्रसन्न करना है तो शनिवार के दिन दुखियों और जरूरतमंदों के बीच सेवा जान करें. मजदूरों, वृद्धों के साथ ही अंधें लोगों को भोजन कराएं, उसके लिए काम करें, उन्हें वस्त्र दान करें. इसस शनिदेव अति प्रसन्न होंगे और शनि दोष से मुक्त करेंगे. पुण्य की प्राप्ति होगी और अंतरआत्मा संतुष्ट होगा.

















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