लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों के तहत भाजपा ने सोमवार से एकता यात्रा शुरू कर दी है. यह पदयात्राएं 20 नवंबर तक होंगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एकता यात्रा (Unity March) की अगुवाई की. इसके पहले एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने ऐसे कारणों को ढूंढना हमारा दायित्व है जो भारत की राष्ट्रीय एकता और अखंडता को चुनौती देते हैं. जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर विभाजन देश में नए जिन्ना को पैदा करने की साजिश का हिस्सा है. हमें तय करना होगा कि अब भारत के अंदर फिर से कोई नया जिन्ना पैदा न होने पाए. वो जिन्ना यदि पैदा होने की कोशिश करता है तो इससे पहले कि वो भारत की एकता को चुनौती दे हमें उसे दफन कर देना होगा.
सीएम योगी वंदेमातरम् का विरोध करने वालों पर जमकर बरसे. उन्होंने इसे कांग्रेस और सपा पर निशाना साधा। एकता यात्रा की अगुवाई करते हुए सीएम खुद करीब दो किलोमीटर तक पैदल चले. उन्होंने नगर निगम परिसर स्थित रानी लक्ष्मीबाई, टाउनहाल स्थित महात्मा गांधी और काली मंदिर स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.

उन्होंने कहा कि उग्रवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, आतंकवाद लगातार भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दे रहा है. जो भी भारत के राष्ट्रीय महापुरुषों, क्रांतिकारियों का अपमान करते हैं वे अलगाववादी ताकतों के दुस्साहस को ही बढ़ाने का काम करते हैं. इनके कारण भारत की एकता और राष्ट्रीयता को चुनौती मिलती है. कोई जाति, मत और मजहब किसी राष्ट्र से बढ़कर नहीं हो सकता है. हमारी आस्था अपनी जगह है। सबसे ऊपर राष्ट्रीय अखंडता है.

कांग्रेस ने वंदे मातरम् का अपमान न सहा होता तो देश विभाजन से बच जाता सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस ने यदि वंदे मातरम् का अपमान न सहा होता तो देश विभाजन से बच जाता. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए आज भी भारत की एकता और अखंडता से बढ़कर मत, मजहब और व्यक्तिगत निष्ठा हो जाती है. ऐसे लोग संदेह के दायरे में आते हैं। वंदे मातरम् के विरोध का कोई औचित्य नहीं लेकिन वंदे मातरम् के खिलाफ विषवमन हो रहा है. गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित वंदे मातरम् का उद्घोष भारत को विदेशी दासता से मुक्त करने का उद्घोष बन गया था. 1896 से 1922 तक कांग्रेस के हर अधिवेशन में वंदे मातरम् का गान होता था लेकिन 1923 में जब मो.अली जौहर कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो उन्होंने इसका विरोध कर दिया.

कांग्रेस ने तब मो.अली जौहर को उनके पद से हटाया नहीं बल्कि 1937 में एक रिपोर्ट में वंदे मातरम् के कुछ शब्दों को संशोधित करने की बात कर दी. सीएम योगी ने कहा कि वंदे मातरम् धरती माता की उपासना का गीत है। हम सबके संस्कार हैं कि यदि धरती हमारी माता है और यदि मां के सम्मान में आंच आती है तो पुत्र का दायित्व है कि उसके खिलाफ खड़ा हो. लेकिन कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति भारत के विभाजन का कारण बनी. अब एक बार फिर जब लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 वीं जयंती पर आयोजन शुरू हुए तो सपा के एक सांसद ने इसका विरोध शुरू कर दिया. ये लोग 31 अक्टूबर को लौहपुरुष के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होते लेकिन जिन्ना को सम्मान देने के लिए होने वाले कार्यक्रम में शामिल होते हैं.
सोमवार सुबह योगी ने गोरखनाथ मंदिर में जनता दरबार लगाया. शिकायत करने आए लोगों के बच्चों को चॉकलेट दी. योगी ने टाउनहाल स्थित महात्मा गांधी और रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पदयात्रा शुरू की. पूरी यात्रा में देशभक्ति नारे गूंजे। योगी पर लोगों ने पुष्पवर्षा की। गोलघर काली मंदिर तक 2 किमी योगी पैदल आए. यहां सरदार पटेल की प्रतिमा पर माला चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी. यहां से CM यात्रा से निकल गए और एकता यात्रा आगे बढ़ गई. लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह यात्रा गीता वाटिका के पास विशंभर पाठक पार्क में खत्म हुई.

















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