दिल्ली के लालकिले के पास हुए धमाके ने न सिर्फ राजधानी को दहला दिया, बल्कि अमरोहा को भी गहरे मातम में डुबो दिया. सोमवार शाम हुए इस बम ब्लास्ट में अमरोहा के दो जिगरी दोस्त की दर्दनाक मौत हो गई. मंगलवार सुबह जब दोनों दोस्तों के शव एक साथ अपने-अपने घर पहुंचे, तो पूरा इलाका गम में डूब गया.
कहां के रहने वाले हैं दोनों दोस्त? हसनपुर क्षेत्र के रहरा अड्डा निवासी 52 वर्षीय लोकेश अग्रवाल, जो खाद विक्रेता थे, सोमवार को अपनी बीमार समधन को देखने दिल्ली के एक अस्पताल गए थे. वहीं अशोक गुज्जर, जो मंगरोला गांव के रहने वाले थे, डीटीसी बस में कंडक्टर के पद पर कार्यरत थे.
चलो, आओ लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास मिलते हैं: जानकारी के मुताबिक, लोकेश ने अस्पताल से लौटते समय अपने दोस्त अशोक को फोन किया और लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास मिलने के लिए बुलाया. किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. जिस वक्त दोनों दोस्तों की मुलाकात होने वाली थी, उसी समय जोरदार धमाका हुआ जिसने दोनों की जिंदगी छीन ली.
पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार सुबह दिल्ली से दोनों दोस्तों के शव अमरोहा पहुंचे. सबसे पहले लोकेश अग्रवाल का पार्थिव शरीर रहरा अड्डा पहुंचा, कुछ ही देर बाद अशोक गुज्जर का शव मंगरोला गांव पहुंचा. दोनों के शवों के पहुंचते ही परिवार के लोग फफक-फफक कर रो पड़े.
रहरा अड्डा और मंगरोला गांव में सैकड़ों की संख्या में लोग उमड़ पड़े. रिश्तेदार, परिचित और स्थानीय लोग दोनों घरों पर पहुंचे. माहौल पूरी तरह गमगीन था. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी और शोक संवेदना व्यक्त की.
दोनों दोस्तों की जोड़ी, जो हमेशा साथ दिखाई देती थी, अब आखिरी सफर में भी साथ चली गई. लालकिले के पास हुई वह मुलाकात, जो दोस्ती की मिसाल बनने वाली थी, अब हमेशा के लिए दर्द की कहानी बन गई.

















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