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कुंडली में सूर्य मजबूत है तो किस्मत भी चमकेगी सूर्य की तरह, रविवार को करें ये उपाय

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वैदिक ज्योतिष में सूर्य को पृथ्वी पर जीवन और ऊर्जा का मूल स्रोत माना गया है. यह आत्मा, शक्ति, इच्छाशक्ति और जीवनदायिनी प्रकाश का प्रतिनिधि ग्रह है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति उसके स्वभाव, आत्मविश्वास, सामाजिक पहचान और सफलता के स्तर को सीधे प्रभावित करती है. माना जाता है कि मजबूत सूर्य व्यक्ति को आकर्षक व्यक्तित्व, नेतृत्व क्षमता और ऊंचा सामाजिक सम्मान प्रदान करता है, जबकि कमजोर सूर्य संघर्ष और बाधाओं का कारण बन सकता है. आइए जानते हैं कि कुंडली का सूर्य आपकी सफलता, लीडरशिप और महत्वकांक्षा को कैसे दिशा देता है. 

सूर्य की मजबूत स्थिति के शुभ प्रभाव: जब सूर्य शुभ भावों में स्थित हो या बृहस्पति एवं चंद्रमा जैसे सकारात्मक ग्रहों से दृष्ट प्राप्त हो, तो व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं. नेतृत्व क्षमता बढ़ती है और व्यक्ति प्रबंधन, प्रशासन या राजनीति में ऊँचा मुकाम हासिल करता है. करियर में तेजी से वृद्धि होती है, विशेषकर सरकारी सेवा और उच्च पदों पर सफलता मिलती है. व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, खासकर हृदय और हड्डियों की मजबूती बढ़ती है. समाज में सम्मान, प्रतिष्ठा और लोकप्रियता में वृद्धि होती है. आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और व्यक्तित्व की आभा मजबूत होती है. रविवार का दिन सूर्य की महादशा या शुभ स्थिति वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. सूर्य सिंह राशि का स्वामी और मेष में उच्च होता है, जबकि तुला में इसकी शक्ति कम हो जाती है. 

सूर्य की अशुभ स्थिति के दुष्प्रभाव: यदि सूर्य नीच राशि, अशुभ भाव या शनि–राहु–केतु जैसे पाप ग्रहों की दृष्टि में हो, तो जीवन में कई कठिनाइयाँ आ सकती हैं. व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, क्रोध और अहंकार बढ़ सकता है. पिता से संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं. करियर में रुकावटें, प्रमोशन में देरी और अस्थिरता बनी रहती है. स्वास्थ्य समस्याएं जैसे- आंखों की कमजोरी, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, रक्त से जुड़ी समस्याएं, आत्मविश्वास की कमी और मान-सम्मान में गिरावट भी देखने को मिल सकती है.

सूर्य ग्रह को मजबूत करने के आसान उपाय: ज्योतिष के अनुसार, कुछ उपाय सूर्य की ऊर्जा को सकारात्मक बना सकते हैं. रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य (जल) अर्पित करें. रविवार को व्रत रखें और लाल रंग का वस्त्र धारण करें. गायत्री मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें. तांबे का बर्तन उपयोग में लाएं. गुड़, गेहूं और लाल वस्त्र का दान करें. पिता और बुजुर्गों का सम्मान करें, उनकी सेवा करें. ये उपाय सूर्य को तुरंत प्रसन्न करते हैं.

सूर्य के शक्तिशाली मंत्र

“ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।”

तांत्रिक मंत्र

“ॐ घृणि सूर्याय नमः”

बीज मंत्र

“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”

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