Vinayak Chaturthi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से गणपति महाराज की पूजा-अर्चना करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. इसके साथ ही अगर कुंडली में किसी प्रकार का बुध दोष है तो उसका भी निवारण हो जाता है. इसके अलावा इस दिन गणपति की उपासना से तमाम मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि नवंबर में विनायक चतुर्थी कब मनाई जाएगी, पूजन के लिए शुभ समय क्या है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा किस तरह की जाती है.
नवंबर में कब है विनायक चतुर्थी: हिंदू पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी तिथि की शुरुआत 24 नवंबर 2025 को सुबह 11 बजकर 04 मिनट से होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 25 नवंबर 2025 को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर होगी. ऐसे में पंचांग की मान्यता के अनुसार, विनायक चतुर्थी 24 नवंबर को मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में गणपति की उपासना विशेष लाभकारी साबित होगी.
विनायक चतुर्थी पर कैसे करें गणपति पूजन: इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लाल रंग के कपड़े धारण करें. इसके बाद पूजा स्थान को साफ-सुथरा करें और व्रत का संकल्प लें. फिर, एक वेदी पर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. अब, उनके सामने घी का एक दीपक जलाएं. इसके बाद भगवान गणपति को रोली, अक्षत, लाल फूल और दूर्वा चढ़ाएं. साथ ही साथ भगवान गणेश को लड्डू या मोदक का भोग लगाएं. ध्यान रहे कि भगवान गणेश की पूजा के दौरान “ॐ गं गणपतये नमः” इस मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें. इसके बाद विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें. याद रहे कि भगवान गणेश की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. पूजन के अंत में भगवान गणेश की आरती करें और प्रसाद लोगों में बांटे.

















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