मोहम्मद आसिफ,महोबा।
महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा घोटाले पर कार्रवाई न होने से आक्रोशित किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. लगातार 100 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज अर्धनग्न होकर विरोध जताया और शासन को खून से खत लिखा. किसानों का कहना है कि भ्रष्टाचारियों को बचाया जा रहा है और बीमा की राशि दलालों के खातों में भेजी गई, जिससे किसान बर्बाद हो गए हैं.
महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2024 और 2025 के दौरान हुए कथित घोटाले और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन ने बुधवार को बड़ा रूप ले लिया. जय जवान जय किसान एसोसिएशन की अगुवाई में 100 दिनों से जारी प्रदर्शन के बावजूद जब प्रशासनिक तंत्र और बीमा कंपनी की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई, तो आक्रोशित किसानों ने सदर तहसील में अर्धनग्न प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया.
किसानों ने शासन को खून से खत लिखकर कार्रवाई की मांग भी की. किसान नेता गुलाब राजपूत के नेतृत्व में किए गए इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के हित में लाई गई थी, लेकिन महोबा में इसे भ्रष्टाचारियों ने कमाई के साधन में बदल दिया. इफको टोक्यो के जिला प्रबंधक निखिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद 90 दिनों से अधिक समय बीत जाने पर भी गिरफ्तारी न होना किसानों के गुस्से की बड़ी वजह बना है.
किसानों का कहना है कि सिजवाहा और ज़ौरैइया गांव के किसानों की जमीन का बीमा भुगतान मध्यप्रदेश के सागर के दलालों के खातों में भेज दिया गया, जबकि लोहारी गांव में जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है. किसानों ने कहा कि अब हमारे कपड़े तक उतर गए हैं, भ्रष्टाचार से महोबा त्रस्त है, इस घोटाले का अंत होना चाहिए. हम शासन को खून से खत लिखकर अपनी पीड़ा बता रहे हैं.

















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