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महोबा में एंबुलेंस सेवा न मिलने से मजदूर की दर्दनाक मौत, 40 कॉल के बाद भी नहीं मिली

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मोहम्मद आसिफ,महोबा।
महोबा जिला अस्पताल में रेफर होने के बावजूद एंबुलेंस सेवा न मिलने के कारण एक घायल मजदूर की मौत हो गई. मृतक अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहकर मजदूरी करता था. बीती शाम वह अपने गांव से बाइक से लौट रहा था, तभी एक अज्ञात चार पहिया वाहन ने उसे टक्कर मार दी थी.

श्रीनगर थाना क्षेत्र के अतरारमाफ गांव निवासी धीरज महोबा शहर के पठा रोड इलाके में परिवार के साथ रहकर मजदूरी करता था. बीती रात अपनी बाइक से महोबा आ रहा था. तभी कैमाहा में अज्ञात चार पहिया वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी. घायल धीरज को गंभीर हालत में परिजनों ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उसकी हालत गंभीर देख रात करीब 9 बजे उसे उच्च चिकित्सा के लिए रेफर कर दिया. इसके बाद परिवार ने एंबुलेंस सेवा 108 को कॉल करना शुरू किया. परिजनों ने एंबुलेंस के लिए लगभग 40 कॉल किए, लेकिन हर बार उन्हें जवाब मिला कि एंबुलेंस फुल है. 6 घंटे तक एंबुलेंस न मिलने के कारण धीरज को मेडिकल कॉलेज नहीं ले जाया जा सका और इसी बीच उसने दम तोड़ दिया.

इस घटना से उसके परिवार में मातम पसरा है. मृतक के भांजे भोला प्रसाद ने बताया कि उसके मामा धीरज को अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी थी और इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उसे तुरंत रेफर किया, लेकिन एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी. परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्राइवेट एंबुलेंस का खर्च वहन नहीं कर सकता था.

आपको बता दें कि धीरज की पत्नी सुनीता और तीन छोटे बच्चे अब पिता के बिना जीवन जीने को मजबूर हैं. मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई है. स्थानीय लोग और परिजन प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि भविष्य में किसी अन्य मरीज की जान इस तरह की लापरवाही के कारण खतरे में न पड़े.

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