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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हमलों की गूंज अमेरिका तक पहुंच गई है. 2 प्रमुख भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने इसे रोकने के लिए यूएस से सीधे हस्तक्षेप की मांग की है. इन्होंने कहा कि धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा युक्त अस्थिरता अमेरिका और उसके सहयोगियों के हित में नहीं है. सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकन को इसे लेकर पत्र लिखा गया है. अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ वह अकेले नहीं हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई लोगों ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयों की निंदा की है.

मिशिगन के सांसद ने ब्लिंकेन को लिखा, ‘मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर देश को आगे लेकर जाएंगे. हालांकि, अमेरिका का यह दायित्व है कि वह इस नई सरकार की सहायता करे. यह सुनिश्चित होना चाहिए कि हिंसा और नागरिक अशांति वहां पर समाप्त हो.’ उन्होंने आगे कहा कि मैं राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन से बांग्लादेश के उत्पीड़ित हिंदुओं और दूसरे लोगों को अनुदान देने की अपील करता हूं. साथ ही, धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरणार्थी के तौर पर अस्थायी रूप से संरक्षित दर्जा मिलना चाहिए.

हिंसा खत्म करने के लिए हरसंभव प्रयास जरूरी वहीं, सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि बांग्लादेश अपनी अंतरिम सरकार को शपथ दिलाने की तैयारी कर रहा है. मैं सभी सरकारी अधिकारियों, नए प्रशासन, पुलिस प्रमुख और बांग्लादेश के लोगों से देश भर में फैली हिंसा को खत्म करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आग्रह करता हूं. इस हिंसा में देश के हिंदू अल्पसंख्यकों, उनके घरों, व्यवसायों और उनके मंदिरों को क्रूरता से निशाना बनाया जाना शामिल है. कृष्णमूर्ति ने कहा कि हिंसा को रोकना होगा. इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए ताकि बांग्लादेश एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ सके.

हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ बता दें कि बांग्लादेश में अनेक हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं हुई हैं. शेख हसीना के इस्तीफा देकर सोमवार को भारत पहुंचने के बाद से हिंसा में हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता मारे गए हैं. सांसद रो खन्ना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘बांग्लादेशी छात्रों को प्रधानमंत्री हसीना के खिलाफ सिर्फ मानवाधिकार की चिंता थी. यह अच्छा है कि वह चली गईं। लेकिन अब हिंदुओं को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा गलत है. प्रधानमंत्री यूनुस को कानून का शासन बनाए रखना चाहिए और मंदिरों या किसी भी राजनीतिक दल या आस्था के लोगों को हिंसा से बचाना चाहिए.’

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