आचार्य चाणक्य को भारत का सबसे महान अर्थशास्त्री और विद्वान कहा जाता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन की समस्याओं और उनका उन्मूलन समझाया था. कहते हैं कि जो भी व्यक्ति चाणक्य की नीतियों का पालन करता है, उसे निश्चित तौर पर जीवन में सुख-समृद्धि, धन, वैभव, यश आदि प्राप्त होता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे संकेतों का जिक्र किया है, जो इंसान का बुरा वक्त आने और उसकी दुर्दशा होने का संकेत देते हैं.
तुलसी सूखना: चाणक्य नीति के अनुसार, घर में तुलसी का पौधा होना अत्यंत शुभ माना जाता है. शास्त्रों में इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है. लेकिन जब यह पौधा अचानक बिना किसी कारण सूखने लगे तो इसे एक अशुभ संकेत समझा जाता है. तुलसी के सूखने का अर्थ है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ रहा है और आर्थिक परेशानियां आने की प्रबल संभावनाएं है. इसलिए इस संकेत को एक चेतावनी समझना चाहिए और सतर्कता अपनानी चाहिए.
गृह क्लेश: अगर घर में बिना किसी वजह के बहस, वाद-विवाज, तनाव या झगड़े रहने लगे तो इसे अपना बुरा वक्त शुरू होने का संकेत समझकर अलर्ट हो जाइए. ऐसा माहौल दर्शाता है कि आपकी आर्थिक या मानसिक स्थिति पर कुछ बुरा प्रभाव पड़ने वाला है. इसलिए ऐसे संकेतों को अनदेखा करने की बजाए, सावधान रहिए. घर के माहौल को शांत बनाए रखने का प्रयास करें. वाणी, व्यवहार पर संयम रखें.
शीशा टूटना: चाणक्य नीति के अनुसार, घर में शीशे के टूटने भी अशुभ माना गया है. कहा गया है कि जब घर का शीशा या दर्पण अपने आप टूट जाए तो यह इंसान का खराब वक्त शुरू होने का संकेत हो सकता है. यह संकेत इस बात की ओर इशारा करता है कि भाग्य में किसी प्रकार का अवरोध या कठिनाई आने वाली है. ऐसा भी कहा जाता है कि अगर शीशा टूट जाए या चटक जाए तो उसे तुरंत घर से बाहर कर देना चाहिए. टूटा हुआ शीशा घर में रखने से दरिद्रता बढ़ती है.

















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