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शुभ योग में मासिक शिवरात्रि आज, इस शुभ मुहूर्त में करें महादेव की उपासना; जानें पूजा विधि

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मार्गशीर्ष माह में मासिक शिवरात्रि का पर्व आज यानी मंगलवार 18 नवंबर 2025 को मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में इस मासिक पर्व का बहुत महत्व है. मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. इन योगों में व्रत का संकल्प करने और शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है. हालांकि महादेव की पूजा निशिता काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानें मार्गशीर्ष माह में मासिक शिवरात्रि पर शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और शुभ योग क्या है.

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष की मासिक शिवरात्रि आज दिन मंगलवार को है. मार्गशीर्ष की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है. आज यानी तिथि 18 नवंबर को सुबह 7:12 बजे शुरू हो गई है और 19 नवंबर को सुबह 9:43 बजे तिथि का समापन होगा. व्रत 18 नवंबर 2025 को रखा जाएगा और पूजा रात में यानी निशिता काल में की जाएगी

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त और शिववास योग
मासिक शिवरात्रि पर निशिता काल की पूजा की जाती है. आइए 18 नवंबर 2025 के मुहूर्त जान लें.
निशिता पूजा मुहूर्त रात 11:40 बजे से लेकर 18 और 19 नवंबर की दरमियानी रात 12:33 बजे तक है.
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 18 और 19 नवंबर की दरमियानी रात 12:07 से लेकर 18 और 19 नवंबर की दरमियानी रात 01:47 तक होगा.
शिववास- प्रातःकाल तक भोजन में इसके बाद श्मशान में.

इस बार के शुभ योग: नवंबर महीने में मासिक शिवरात्रि पर वैसे तो कई शुभ योग बन रहे हैं लेकिन कुछ शुभ योग में महादेव की पूजा करना अति शुभ हो सकता है. इस मासिक शिवरात्रि पर आयुष्मान योग बन रहा है. इस दिन सौभाग्य योग भी है. चंद्रमा इस दिन तुला राशि में है और तुला राशि में ही शुक्र ग्रह का संचरण हो रहा है. इससे कलात्मक योग का निर्माण हुआ है. वृश्चिक राशि में सूर्य का संचरण हो रहा है और इसी राशि में मंगल और बुध है. जिससे शक्तिशाली त्रिग्रही योग बना रहा है. बुधादित्य योग और आदित्य मंगल योग भी इस दिन बनने से यह पर्व और भी शुभ फलदायी और महादेव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है.

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
➤सुबह स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
➤महादेव का ध्यान कर व्रत का संकल्प करें.
➤शिवलिंग पर दूध, गंगाजल, दही, शहद और घी से अभिषेक करें.
➤बेलपत्र, भांग, धतूरा चढ़ाएं. इसके बाद चंदन अर्पित करें.
➤धूप-दीप जलाएं और शिव परिवार की पूजा आराधना करें.
➤इसके बाद शिवरात्रि व्रत कथा सुने सुनाएं.
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप 108 बार जाप करें.
➤मां पार्वती और शिवजी की आरती कर पूजा को संपन्न करें.

मासिक शिवरात्रि का व्रत क्यों रखा जाता है: मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से पूरे परिवार पर भगवान शिव की कृपा होती है. अविवाहित कन्याएं इच्छित वर की प्राप्ति के लिए व विवाहित दंपत्ति सुखी वैवाहिक जीवन के आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह व्रत रखते हैं. मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से भक्तों को मानसिक शांति मिलती है और करियर में उन्नति के रास्ते खुलते हैं.

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