कुछ ही घंटों में साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. वैसे तो यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. लेकिन पितृ अमावस्या की रात और शारदीय नवरात्र की शुरुआत पर सूर्य ग्रहण का साया रहेगा. इसलिए यह सूर्य ग्रहण खास है. उस पर ज्योतिषीय दृष्टि से बात करें तो कन्या राशि में लग रहा यह सूर्य ग्रहण शनि-सूर्य जैसे परमशत्रु ग्रहों को भी आमने-सामने ले आया है. कन्या राशि में सूर्य केतु के साथ युति बना रहे हैं, तो वहीं शनि कुंभ राशि में हैं.
कन्या राशि में लग रहे सूर्य ग्रहण के समय सूर्य पर राहु की पूर्ण दृष्टि रहेगी. इस ग्रहण के समय कन्या राशि में 4 महत्वपूर्ण ग्रहों – सूर्य, चंद्रमा, बुध और केतु का जमावड़ा रहेगा. शनि कुंभ राशि में हैं. इससे शनि और सूर्य षडाष्टक योग बना रहे हैं.
मचेगी भारी उथल-पुथल
इन सभी ग्रहों की मौजूदा स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है. यह दुनिया में भारी राजनैतिक उथल-पुथल मचा सकती है. आर्थिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकती है. साथ ही हिंसा या युद्ध का कारण बन सकती है. इसके अलावा यह ग्रहण मेष, मिथुन, कर्क और वृश्चिक राशि के लिए अच्छा नहीं है.
सर्व पितृ अमावस्या पर करें ये काम
सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है लिहाजा आज सर्व पितृ अमावस्या के सारे अनुष्ठान विधिवत तरीके से करें. इससे पितृदोष और गृहदोष दूर होगा. दान-पुण्य जरूर करें. संभव हो तो पवित्र नदियों में जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा के जल से स्नान करें. वहीं ग्रहण खत्म होने के बाद कल 3 अक्टूबर 2024 की सुबह नवरात्रि घटस्थापना से पहले स्नान करें, पूरे घर में गंगाजल छिड़कें. इसके बाद पूजा-पाठ, दान आदि करें, ताकि ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचाव हो सके.