बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है. नए अध्यक्ष के चुने जाने तक राजीव शुक्ला बीसीसीआई के कार्यवाहक प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. वह इससे पहले उपाध्यक्ष की भूमिका में थे.
सूत्रों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को बीसीसीआई के एपेक्स कमिटी की बैठक हुई शीर्ष परिषद की बैठक की अध्यक्षता राजीव शुक्ला ने की. बैठक के मुख्य अजेंड में स्पॉन्सरशिप था. उसमें ड्रीम11 से करार खत्म होने और अगले दो-ढाई साल के लिए नए स्पॉन्सर की तलाश को लेकर चर्चा हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक एशिया कप में दो हफ्ते भी नहीं बचे हैं, इसलिए तब तक नया स्पॉन्सर मिलना मुश्किल है. रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है, ‘अब दो सप्ताह भी नहीं बचे हैं. हम प्रयास कर रहे हैं लेकिन नई निविदा निकालना, कानूनी प्रक्रिया का पालन करना और बाकी तकनीकी चीजों में समय लगता है.’ सूत्र ने शॉर्ट टर्म यानी सिर्फ एशिया कप के लिए अलग प्रायोजक लाने के सवाल पर कहा कि ऐसी नहीं करेंगे. फोकस 2027 के वनडे वर्ल्ड कप तक के लिए प्रायोजक लाने पर है.
राजीव शुक्ला नए बीसीसीआई अध्यक्ष का चुनाव होने तक कार्यवाहक प्रमुख की भूमिका में रहेंगे. राष्ट्रीय खेल प्रशासन कानून बन जाने के बावजूद बीसीसीआई को अगले महीने अपनी एनुअल जनरल मीटिंग कराने के अलावा चुनाव भी कराने होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई चुनाव को नहीं टाल सकता क्योंकि सरकार ने जो खेल कानून बनाया है, अभी उसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई है. उसे अधिसूचित होने में कुछ महीने लग सकते हैं लिहाजा बीसीसीआई ने चुनाव नहीं टालने का फैसला किया है. वर्तमान में बीसीसीआई का प्रशासन लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बने संविधान के हिसाब से चलता है. जब तक संसद से पारित नए खेल कानून की अधिसूचना जारी नहीं हो जाती, तब तक बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों को उसी संविधान से चलना होगा. उन पर लोढ़ा समिति की सिफारिशें ही लागू रहेंगी. उसके हिसाब से पदाधिकारी 70 वर्ष की उम्र के बाद पद नहीं संभाल सकते. नए कानून की अधिसूचना जारी होने के बाद उम्र का ये बंधन नहीं रहेगा.
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