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चुनाव में हार के 355 दिन बाद स्मृति ईरानी पहुंचीं अमेठी, गंगा में डूबे युवकों के परिवार से मिलीं

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लोकसभा चुनाव में हार के 355 दिन बाद स्मृति ईरानी पहली बार पहुंचीं अमेठी, गंगा में डूबे युवकों के परिवार से मिलीं लोकसभा चुनाव में हार के बाद स्मृति ईरानी पहली बार अमेठी पहुंचीं. सोमवार को अमेठी पहुंचने के बाद स्मृति ईरानी गंगा में डूबे युवकों के परिवार से मिलीं। शोक संवेदना व्यक्त की. इसके साथ ही हर सम्भव मदद का भरोसा दिया.स्मृति यहां अहिल्या बाई होल्कर जयंती पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित करेंगी.

इससे पहले, सुबह 10 बजे स्मृति दिल्ली से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचीं. यहां कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. हालांकि, स्मृति ने किसी से ज्यादा बात नहीं की। वह सीधे सड़क मार्ग से अमेठी के लिए रवाना हो गईं. सबसे पहले अमेठी के जगदीशपुर में उस परिवार में पहुंची, जिसके 3 लोगों की मौत रविवार को गंगा नदी में डूबने से हो गई थी. स्मृति ने परिवार को ढांढस बंधाया. स्मृति को देखकर हादसे में पिता को खोने वाली बेटी फफककर रो पड़ी। स्मृति ने उसे गले लगा लिया.

लखनऊ एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्मृति ईरानी का स्वागत किया. स्मृति ने अमेठी में घर बनवाया, लेकिन हार के बाद आईं नहीं 2014 में स्मृति को भाजपा ने पहली बार राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए अमेठी भेजा. वह चुनाव स्मृति राहुल से करीब एक लाख वोट से हार गईं. हार के बाद भी स्मृति ने अमेठी को नहीं छोड़ा.

2019 के चुनाव में इसका असर दिखा और स्मृति ने गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी में राहुल गांधी को हराया. वह पहली बार सांसद चुनी गईं. सांसद बनते ही स्मृति ने ‘दीदी आपके द्वार’ कैंपेन शुरू किया. BJP कार्यकर्ता उन्हें दीदी कहने लगे. स्मृति ने मेदन मवई गांव में घर बनवाया. 22 फरवरी, 2024 को यहां गृहप्रवेश की पूजा कराई और यहां की वोटर बन गईं. तब कहा था- अब यहीं रहेंगी. 2024 के चुनाव में समीकरण बदले. कांग्रेस ने अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को उतार दिया. इसमें स्मृति ईरानी को करारी हार मिली. रिजल्ट अनाउंस होने के बाद वह अमेठी नहीं आईं.

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