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कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बीच मैच में चली ऐसी चाल कि पलट दिया फाइनल मैच का नतीजा

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हरमनप्रीत कौर का नाम अब कपिल देव के साथ लिया जाएगा. कपिल देव ने जिस तरह भारत को 1983 में मेंस क्रिकेट का पहला वनडे वर्ल्ड कप जिताया था. ठीक उसी तरह हरमनप्रीत कौर ने 2025 में पहली बार भारत को विमेंस वर्ल्ड कप का खिताब जिताया है. महिला क्रिकेट में वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत साल 1973 में हुई थी. भारत ने 52 साल में पहली बार विमेंस वर्ल्ड कप का खिताब जीता है. टीम इंडिया की इस वर्ल्ड कप जीत का श्रेय कप्तान हरमनप्रीत कौर को जाता है.

हरमनप्रीत की इस चाल ने जिताया वर्ल्ड कप: साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में कप्तान हरमनप्रीत कौर की एक चाल ने भारत को विमेंस वर्ल्ड कप जिताने में बड़ा रोल निभाया है. हरमनप्रीत कौर को पहले ही इस बात का अंदाजा था कि आज शेफाली वर्मा का दिन है. हरमनप्रीत कौर ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में बड़ा दांव खेलते हुए शेफाली वर्मा को गेंद थमाई. हरमनप्रीत कौर की यह चाल भारत के काम आई और उसने वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया.

पलट दिया फाइनल मैच का नतीजा: शेफाली वर्मा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल मैच में अपने वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ 87 रनों की पारी खेली थी. शेफाली वर्मा ने इस दौरान 7 चौके और 2 छक्के लगाए. शेफाली वर्मा की पारी के दम पर भारत ने वर्ल्ड कप फाइनल जैसे अहम मुकाबले में साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 299 रनों का टारगेट दिया. साउथ अफ्रीका की टीम जब 299 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी तो हरमनप्रीत कौर ने एक तगड़ी चाल चली. हरमनप्रीत कौर की इस चाल ने फाइनल मैच का नतीजा पलट दिया.

शेफाली वर्मा का दो विकेट लेना बड़ा टर्निंग पॉइंट: शेफाली वर्मा पार्ट टाइम ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करती हैं. साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने शेफाली वर्मा के इसी टैलेंट को हथियार बनाया. शेफाली वर्मा ने 7 ओवर की गेंदबाजी की और 36 रन देकर 2 विकेट भी झटके. शेफाली वर्मा ने सुने लुस और मरिजनने कप्प के बेहद महत्‍वपूर्ण विकेट अपने नाम किए. शेफाली वर्मा को वर्ल्ड कप फाइनल मैच में उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.

शेफाली वर्मा ने साउथ अफ्रीका की कमर तोड़ दी: शेफाली वर्मा ने इस मैच से पहले 30 वनडे मैचों में सिर्फ 14 ओवर फेंके थे और एक भी विकेट नहीं लिया था, लेकिन साउथ अफ्रीकी पारी के 21वें ओवर में कप्तान लौरा वोल्वार्ट और सुने लुस के बीच 52 रनों की साझेदारी को एक तेज रिटर्न कैच के साथ खत्म करने में उन्हें सिर्फ दो गेंदें लगीं. शेफाली वर्मा ने अपने दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर, मरिजनने कप्प को आउट कर साउथ अफ्रीका की कमर तोड़ दी. शेफाली वर्मा को सेमीफाइनल से पहले ही भारतीय टीम में शामिल किया गया था. सलामी बल्लेबाज प्रतीका रावल को अंतिम लीग मैच के दौरान चोट लग गई थी, जिसके कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं.

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