UP के श्रावस्ती में पति-पत्नी और तीन बच्चों के शव बेडरूम में पड़े मिले हैं. पत्नी और बच्चों की लाशें बेड पर थीं, जबकि पति चारपाई पर पाया गया. उसकी जुबान बाहर निकली हुई थी. कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। सुबह जब पांचों सोकर नहीं उठे तो घरवाले उन्हें जगाने पहुंचे.
दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. इसके बाद खिड़की से झांककर देखा तो पांचों की लाशें पड़ी थीं. फिर दरवाजा तोड़कर परिवार वाले अंदर गए.
बताया जा रहा है कि युवक पत्नी और बच्चों के साथ मुंबई रहता था. वह 5 दिन पहले ही घर लौटा था। शवों को सबसे पहले देखने वाली रोज अली की बहन रुबीना ने बताया कि दरवाजा अंदर से बंद था. कई बार खटखटाया लेकिन नहीं खुला। खिड़की से झांककर देखा तो कमरे में सभी पड़े हुए थे. फिर दरवाजा तोड़ा गया। फिलहाल, पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से जांच कर रही है. शुक्रवार सुबह की यह घटना इकौना क्षेत्र के मनिहारपुरवा गांव की है. मौके पर डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीमें पहुंची हुई हैं.

एक ही घर में पांच लाशें मिलने के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया. डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीमें पहुंची हुई हैं.
इकौना थाना क्षेत्र के कैलाशपुर स्थित मनिहारपुरवा गांव के रोज अली, अपनी पत्नी शहनाज के साथ मुंबई रहते थे. उनकी दो बेटियों गुलनाज (11), तबस्सुम (10) और बेटा मोइन (डेढ़ साल) भी साथ ही रहते थे. गांव में उसके सगे भाई मोहम्मद हुसैन और शहजाद हुसैन रहते हैं। तीन बहनें हैं जबकि उनकी सौतेली मां के चार बेटे और दो बेटियां हैं.
परिजन ने बताया कि वह बहन की शादी के लिए रिश्ता तय करने आया था. गांव वह 5 दिन पहले ही पहुंचा था। सौतेली मां बोली- बहू रोज सुबह आती थी मिलने सौतेली मां फातिमा ने बताया कि वह परिवार के साथ 5-6 महीने बाद गांव आया था. बहन का रिश्ता तय करना था, साथ ही गांव में मेला भी लगा है. काफी पहले से वह अलग घर बनवा कर रह रहा था जबकि उसके पिता और उसकी बहन मेरे साथ रहते हैं.
फातिमा के अनुसार, मुंबई से आने के बाद उसकी पत्नी शहनाज हर सुबह हमारे पास आती थी. थोड़ी देर बैठती थी। बातें करती थी। उसके बच्चे भी सुबह से यहीं पर खेलते थे. बहन रुबीना ने बताया- गुरुवार रात करीब 11 बजे खाना खाने के बाद पूरा परिवार सोने के लिए कमरे में चला गया था.

मां ने कहा- दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो सभी के शव बेड पर पड़े थे. रोज अली का शव बगल में खाट पर पड़ा था। सुबह 8 बजे तक कोई नहीं आया तो चिंता हुई मां ने कहा- आज यानी शुक्रवार की सुबह कोई नहीं आया. एक बारगी हमें लगा कि सब सो रहे होंगे, ठंड बढ़ी है तो देर से उठें लेकिन सुबह के 8 बजे तक कोई नहीं आया तो चिंता हुई. इसके बाद मैं उनके घर गई. उसका घर 100 मीटर ही दूर है. देखा दरवाजा बंद था. कई बार खटखटाया लेकिन कोई आवाज नहीं आई.
पड़ोसी से पूछा तो पता चला कि अभी तक कोई उठा ही नहीं था. इसके बाद मैंने अपनी बेटी रुबीना को बुलाया. रुबीना आई और काफी देरतक दरवाजा खटखटाया. लेकिन दरवाजा नहीं खुला। उसने खिड़की को धकेलकर खोला. अंदर देखा कि शहनाज और उसके बच्चे बेड पर थे और रोज अली बगल में पड़ी खाट पर था. खिड़की से जोर-जोर से चिल्लाया. घर के अन्य लोगों के अलावा आस-पड़ोस के लोग भी पहुंच गए। कुछ लोग ने मिलकर दरवाजा तोड़ा. अंदर देखा तो सबकी मौत हो चुकी थी. इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई.
इकौना पुलिस डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए हैं. वहीं शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

















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