भारत की रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालिंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर भारत की झोली में पांचवां मेडल डाला. रुबीना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 इवेंट में यह मेडल अपने नाम किया. इससे पहले शूटिंग में ही भारत को तीन और मेडल मिल चुके हैं. बता दें कि रुबीना पिस्टल इवेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरा-शूटिंग एथलीट बनी हैं. रुबीना ने फाइनल में 211.1 अंक हासिल कर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया.
ईरान की खिलाड़ी ने जीता गोल्ड
ईरान की जावनमरडी सरेह ने गोल्ड और तुर्की की ओजगान आयसेल ने इस स्पर्धा मे सिल्वर मेडल हासिल किया. जावनमरडी सरेह ने 236.8 अंक बनाए. वहीं ओजगान आयसेल ने 231.1 अंक जुटाए. रुबीना एक समय दूसरे पोजीशन पर चल रही थीं, लेकिन बाद में वह पीछे हो गईं. निशानेबाजी में एसएच1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज शामिल होते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़, पैरों की गति प्रभावित होती है या उनके हाथ या पैर में विकार होता है.
कौन हैं रुबीना फ्रांसिस?
मध्य प्रदेश के जबलपुर की पैरा पिस्टल शूटर रुबीना ने वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप- 2023 में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में रजत पदक हासिल किया था. रुबीना ने 2017 में बैंकॉक में आयोजित वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल महिला टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने क्रोएशिया में 2019 विश्व पैरा चैम्पियनशिप में कांस्य पदक भी जीता था.
25 साल की रुबीना को रिकेट्स है और वह पैरों से 40 प्रतिशत दिव्यांग हैं. रिकेट्स एक ऐसी स्थिति है जो बच्चों में हड्डियों के विकास को प्रभावित करती है. यह बीमारी हड्डियों में दर्द और उसकी कमजोरी का कारण बनती है. इससे हड्डियों में विकृति आ सकती है. रुबीना मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में पिस्टल शूटिंग की ट्रेनिंग लेती हैं.