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कानपुर के बिठूर में रविवार भोर में एक मगरमच्छ संभरपुर गांव के भीतर पहुंच गया. गांव के लोग सुबह घर से बाहर निकलते तो मगरमच्छ को टहलता देख होश उड़ गए. चीख-पुकार सुनकर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई. पब्लिक ने कड़ी मशक्कत से रिस्क लेकर उसे रस्सी से बांधा और वन विभाग के हवाले कर दिया.

बिठूर मैनावती मार्ग इस्कॉन टेंपल के पास संभरपुर गांव है. गांव के प्रधान दीपक ने बताया कि रविवार सुबह लोग अपने घर से बाहर निकले तो एक मगरमच्छ मोहल्ले में टहलते देखा. चीख-पुकार सुन सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई. कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए लाठी-डंडे से दबाया और फिर रस्सी से उसे एक घर के बाहर खंभे से बांध दिया, लेकिन उसका मुंह नहीं बांध सके.

प्रधान ने बिठूर पुलिस और वन विभाग को सूचना दी

सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी भीड़ को मगरमच्छ के पास से हटाया और वन विभाग को सूचना दी. सुबह 5:30 बजे लोगों ने मगरमच्छ को देखा था. करीब 11:30 बजे वन विभाग की टीम पहुंची और मगरमच्छ को रेस्क्यू करके अपने साथ ले गई. तब जाकर ग्रामीणों की दहशत खत्म हुई.

गंगा किनारा होने की वजह से ग्रामीण परेशान ग्राम प्रधान दीपक ने बताया कि गंगा के किनारे ये सभी गांव पड़ते हैं. मौजूदा समय में गंगा अपने उफान पर है. इस वजह से जलीव जीव-जन्तु अक्सर गांव में आ जाते हैं. इस वजह से गांव के लोग परेशान हैं और अलर्ट मोड पर भी रहते हैं.

गांव में मगरमच्छ आने या देखे जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है

इससे पहले भी कानपुर में गंगा किनारे के गांव में मगरमच्छ अक्सर देखे जाते हैं. इस वजह से बारिश में गंगा किनारे गांव में रहने वालों के लिए मुसीबत आ जाती है. वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ का रेस्क्यू करने के बाद दोबारा गंगा में छोड़ने की बात कही है. उनका मानना है कि मगरमच्छ का गंगा ही प्राकृतिक आवास है. इस वजह से कहीं भी मगरमच्छ मिलता है तो उसे रेस्क्यू करके दोबारा गंगा में छोड़ दिया जाता है.

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