कानपुर में रहने वाले वन दरोगा की वाराणसी में शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उसका शव रेलवे ट्रैक किनारे मिला। दरोगा का पोस्टमार्टम कराने के बाद शुक्रवार को ही परिजनों को सौंप दिया गया था. शनिवार सुबह परिवार ने गाजीपुर स्थित अपने पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. वन दरोगा को अपने पिता के स्थान पर नौकरी मिली थी.
सत्यम विहार कल्याणपुर निवासी राजकुमार पाण्डेय उर्फ राजू (32) वन दरोगा के पद पर वाराणासी में तैनात थे. शुक्रवार सुबह राजकुमार का शव वाराणसी रेलवे ट्रैक के पास मिला. सूचना पर जीआरपी पहुंची। मौके पर तलाशी के दौरा उनकी जेब से आधार कार्ड मिला. जिसमें राजकुमार के परिवार वालों का पता चला. उसके जरिए जीआरपी ने उनके परिवार वालों को सूचना दी.
गाजीपुर में हुआ अंतिम संस्कार
सूचना मिलने के बाद ही राजकुमार के परिजन वाराणासी के लिए रवाना हो गए. देर शाम पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया। परिवार वाले शव को लेकर गाजीपुर स्थित पैतृक गांव निकल गए. वहां पर शनिवार को राजकुमार का अंतिम संस्कार किया गया.
जिस दिन जन्मदिन उसी दिन आ गई मौत
मां सरोज और भाई अंकित ने बताया कि पिता अम्बिका प्रसाद पाण्डेय भी वन दरोगा थे. उनकी मौत के बाद मृतक आश्रित में राजकुमार को नौकरी मिली थी. परिवार वालों ने कहा कि शुक्रवार को ही राजकुमार का जन्मदिन था और उसी दिन मौत भी हो गई। परिवार वालों ने बताया इस बार वह जन्मदिन पर घर आने की बात कह रहा था. पता नहीं था कि यह घटना हो जाएगी.
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