जौनपुर के सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा पर ईडी का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है. शुक्रवार को ईडी की टीम कानपुर रोड स्थित स्कूटर इंडिया के सामने सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की करोड़ों रुपए की भूमि को जब्त करने ईडी की टीम पहुंची है. साथ ही निर्माण कार्य तोड़ने के लिए बुलडोजर भी साथ ले गई.
कौन हैं बाबू सिंह कुशवाहा?
बाबूलाल कुशवाहा जौनपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी. कुशवाहा बीजेपी और बसपा की चुनौती को खत्म करते हुए पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए. उनका मुकाबला बीजेपी के कृपाशंकर और बसपा के श्याम सिंह यादव से था. चुनाव में कुशवाहा को 5,09,130 वोट मिले तो बीजेपी के कृपा शंकर सिंह के खाते में 4,09,795 वोट आए.
NRHM घोटाले में गए जेल
केन्द्र सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में एनआरएचएम के तहत 10 हजार करोड़ रुपये दिए गए थे. इस ग्रांट से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के 133 अस्पतालों के विकास और आरओ लगाने तथा दवाओं की आपूर्ति के नाम पर पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का गोलमाल किया था. इस केस में बाबूलाल कुशवाहा का भी नाम शामिल था. सीबीआई ने 2012 में कुशवाहा व अन्य को गिरफ्तार किया. अस्पतालों में केवल आरओ लगाने में सरकार को 6 करोड़ तीन लाख का नुकसान हुआ था.
बसपा से राजनीति में रखा कदम
बांदा के रहने वाले हैं. उनका जन्म बबेरू तहसील के पखरौली गांव में हुआ. बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आने के बाद उन्होंने राजनीतिक में कदम रखा. 1993 में सपा व बसपा के गठबंधन हुए तो बाबू सिंह को बांदा का जिलाध्यक्ष बनाया गया. फिर 97 वें में उनको पहली बार विधान परिषद सदस्य के तौर पर बड़ा पद मिला है. 2003 में तीसरी बार बसपा की सरकार बनी तो कुशवाहा को पंचायती राज मंत्री बनाया गया.