कथित शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी है. इसके बाद वे शाम को ही जेल से बाहर आ गए हैं. जेल से बाहर आते ही उन्होंने मोदी सरकार को ललकारा है और कहा है कि जेल के ताले टूटेंगे केजरीवाल बाहर आएंगे. मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तारी किया गया था. जमानत पाने के लिए यह उनकी ओर से आठवीं कोशिश थी, और इस बार उनकी सुनवाई हुई है. सात बार उनकी जमानत खारिज हुई.
जमानत पर रिहा करने का आदेश
असल में शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. वह शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में 17 महीने से जेल में थे. जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने सिसोदिया को जमानत दी. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मनीष सिसोदिया को लंबे समय से जेल में रखा गया है. बिना सजा के किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता.
निचली अदालत ने जल्द ट्रायल के अधिकार को अनदेखा किया है और मेरिट के आधार पर जमानत रद्द नहीं किया. मनीष सिसोदिया ने सीबीआई मामले में 13 और ईडी मामले में निचली अदालत में 14 अर्जियां दाखिल की थीं. इससे पहले मंगलवार को पीठ ने केंद्रीय एजेंसियों का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू और सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि गोवा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपये की राशि जांच के दौरान बरामद कर ली गई है.