दस दिन बीतने के बाद भी कानपुर की नवाबगंज पुलिस वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि सुबोध श्रीवास्तव को टक्कर मारकर भागने वाली तेज रफ्तार एसयूवी कार का पता नही लगा पाई और न ही अब तक कोई विधिक कार्यवाही ही हुई. वहीं, बुरी तरह घायल अवस्था में आर्यनगर स्थित वेदांता अस्पताल में भर्ती श्री श्रीवास्तव के दाएं पैर का बीती शुक्रवार को बड़ा ऑपरेशन किया गया. भीषण हादसे में उनके पैर में कई फ्रेक्चर हुए थे.
मालूम हो कि तीन दशकों से ज्यादा समय से पत्रकारिता में सक्रिय वरिष्ठ पत्रकार एवम लब्ध प्रतिष्ठित कवि सुबोध श्रीवास्तव शहर से प्रकाशित एक समाचार पत्र के संपादक हैं. प्रेस कार्य से निवृत होकर बीती 27 अक्टूबर को वे बाइक से सुखऊ पुरवा, ख्यौरा स्थित अपने घर जा रहे थे. तभी रात करीब साढ़े ग्बयारह बजे आजाद नगर से चिडियाघर जाने वाले मोड़ पर चिड़ियाघर की तरफ से गलत दिशा से आ रही तेज रफ्तार सफेद रंग की एसयूवी कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी और तेजी से आजाद पार्क की ओर भाग निकली. इस भीषण हादसे में श्री श्रीवास्तव बुरी तरह घायल हो गए. उनके दाएं पैर में फ्रेक्चर हो गया. यहां तक कि हड्डियां बाहर निकल आईं. साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आईं हैं. उनकी नई बजाज प्लेटिना बाइक भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.
रात के सन्नाटे में वहां गुजर रहे कुछ भले लोगों ने उन्हें संभाला और उनके परिजनों तथा थाना नवाबगंज पुलिस को सूचित किया. तत्काल श्री श्रीवास्तव को आर्यनगर स्थित वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. मौके पर और अस्पताल पहुंची पुलिस ने उनसे हादसे की जानकारी ली. शुक्रवार को श्री श्रीवास्तव के दाएं पैर का बड़ा ऑपरेशन किया गया जहां हालत में सुधार के चलते दस दिन भर्ती रहने के बाद घर भेज दिया गया. खास बात यह है कि जिस जगह हादसा हुआ,वहां और उससे आगे आजादनगर विष्णुपुरी मार्ग पर कई CCTV कैमरे लगे हुए हैं, फिर भी पुलिस टक्कर मारकर भागने वाली कार का अब तक कोई पता नहीं लगा पाई है.
सूत्रों के अनुसार थाना नवाबगंज पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में सिर्फ एसयूवी कार दिखी,उसका नम्बर नहीं दिखा जिससे फिलहाल कार चालक पुलिस की पकड़ से दूर है. इस सबसे साफ जाहिर है कि पुलिस दोषी कार चालक को बचाने की कोशिश में है. इस लचर कार्यवाही से पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि अब तक इस गंभीर मामले में लगभग शांत बैठी हुई है.

















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