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अयोध्या हार चुकी भाजपा वैष्णो देवी में हुई सतर्क, कलह दूर करने में झोंकी ताकत

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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को टिकट वितरण के कारण आपसी कलह का सामना करना पड़ रहा है. वैष्णो देवी सीट के लिए टिकट दावेदारों के बीच कलह खुलकर सामने आ चुकी है. इससे परेशान भाजपा ने बुधवार देर रात पूर्व विधायक बलदेव राज शर्मा और रोहित दुबे के बीच सुलह कराने की कोशिश की. भाजपा को आपसी कलह के कारण ही अयोध्या में लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था.

आपको बता दें कि जब भाजपा ने 44 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी की थी उसमें रोहित दुबे पार्टी की पहली पसंद थे। हालांकि उस लिस्ट को तुरंत वापस ले लिया गया. इसके कुछ ही घंटों के बाद दूसरी सूची जारी की गई, जिसमें रोहित दुबे की जगह बलदेव राज शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया.

चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों की सूची से दुबे का नाम बाहर किए जाने से कटरा में उनके समर्थकों की नाराजदी खुलकर सामने आ गई है. उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ वोट देने की धमकी दी. उन्हें शांत करने के लिए भाजपा प्रमुख रविंदर रैना को कटरा ले जाया गया.

बुधवार देर शाम पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि संगठन की एकता और मजबूती को दर्शाने के लिए कटरा से भाजपा नेता रोहित दुबे ने जम्मू स्थित पार्टी मुख्यालय का दौरा किया और माता वैष्णो देवी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बलदेव राज और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ फोटो खिंचवाई. इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रभारी तरुण चुघ, रविंदर रैना, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, लोकसभा सांसद और चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक जुगल किशोर शर्मा, सरब सिंह नाग, कुलदीप राज दुबे और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

तरुण चुघ ने पार्टी नेताओं के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की एक अनुशासित पार्टी है जो एक परिवार की तरह मिलकर काम करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सब एक साथ मजबूत हैं और भाजपा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में इतिहास रचने के लिए तैयार है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर को शांति और समृद्धि का उदाहरण बनाने के मिशन के साथ काम कर रही है.

सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन से हिल गई है. इसका करण यह है कि कार्यकर्ताओं को पार्टी द्वारा दिए गए उम्मीदवारों की सूची में अपने नेताओं का नाम नहीं मिला.

जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में मतदान होना है. 4 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किए जाएंगे.

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