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डॉ. शाहीन के पहले पति बोले- आतंकी कनेक्शन सुनकर सदमा लगा, 10 साल से संपर्क नहीं

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‘मेरी 2003 में अरेंज मैरिज हुई थी. दो बच्चे भी हुए। शाहीन अक्सर यूरोपियन कंट्री में चलने का दबाव बनाती थी, लेकिन मैं यहीं रहना चाहता था. एक दिन अचानक शाहीन हम लोगों को छोड़कर चली गई. 2015 में हमारा तलाक हो गया. इसके बाद वह कभी लौटकर नहीं आई.

लखनऊ की लेडी आतंकी डॉ. शाहीन के पूर्व पति, डॉ. जफर हयात ने मीडिया से ये बातें कहीं. वह केपीएम हॉस्पिटल में नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। दिल्ली ब्लास्ट के बाद वह पहली बार कैमरे के सामने आए. उन्होंने कहा, “शाहीन कभी भी धर्म या मजहब की बात नहीं करती थी. दिल्ली ब्लास्ट में उसका नाम जुड़ने से हम सभी सदमे में हैं.” कानपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम भी बुधवार सुबह अस्पताल पहुंची और डॉ. हयात से शाहीन को लेकर पूछताछ की.

डॉ. जफर ने बताया- तलाक के बाद कोई संपर्क नहीं है.

सवाल. शाहीन से कैसे मुलाकात हुई? क्या आप लोगों की लव मैरिज थी?

जवाब. शाहीन ने कानपुर मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) में जॉइन किया, तब हमारी मुलाकात हुई. उस समय मैं शहर में अपना प्रैक्टिस करता था. हमारी अरेंज मैरिज हुई थी.

सवाल. आप लोगों में दूरियां कैसे बनने लगीं?

जवाब. हमारी शादी के 9-10 साल बहुत अच्छे बीते. केवल सोच का अंतर था। वह हमेशा यूरोपियन कंट्री चलने की बात करती थी, लेकिन मैं अपने देश में रहना चाहता था. एक दिन वह अचानक हम लोगों को छोड़कर चली गई. इसके बाद 2015 में हमारा तलाक हो गया.

सवाल. क्या तलाक के बाद आपका डॉ. शाहीन से कोई संपर्क हुआ?

जवाब. तलाक के बाद मेरा उसके साथ कोई संपर्क नहीं रहा. शादी के दौरान भी कभी ऐसा नहीं लगा कि शाहीन किसी गलत काम में शामिल हो सकती है. जब वह गई, तब हमारे दो छोटे बच्चे थे. एक बेटा तो स्कूल भी जाने लगा था लेकिन शाहीन चली गई, फिर कभी उसने संपर्क करने की कोशिश नहीं की.

सवाल. शाहीन का स्वभाव कैसा था?

जवाब. मेरे बच्चे छोटे हैं. मैंने अभी उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया है. शाहीन बहुत शांत स्वभाव की थी. कभी धर्म या मजहब की बातें नहीं करती थी. पढ़ाई में उसका बहुत इंटरेस्ट था लेकिन इस मामले में उसका नाम जुड़ने से सभी सदमे में हैं.

मालूम हो कि लखनऊ के एक सरकारी स्कूल से शाहीन ने 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद उसने सीपीएमटी में टॉप किया. 1996 में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू (एमएलएन) मेडिकल कॉलेज में MBBS में एडमिशन लिया. 2002 में पढ़ाई और इंटर्नशिप पूरी की थी.

शाहीन, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज कैंपस के गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी. शुरुआत से ही उसका अपने साथियों से बहुत अधिक मेलजोल नहीं था. MBBS के बाद शाहीन ने फार्माकोलॉजी में MD की डिग्री हासिल की. 2006-07 में यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) से उनका चयन कानपुर नगर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ.

2009-10 में उसका ट्रांसफर कन्नौज के तिर्वा मेडिकल कॉलेज में हो गया. 2010 में डॉ. शाहीन दोबारा कानपुर मेडिकल कॉलेज लौट आई. यहां आने के बाद से ही उनकी गतिविधियां संदिग्ध बताई जाने लगी. नौकरी पर लगातार गैरहाजिर रहने के कारण 2021 में सरकार ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दीं.

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