दिल्ली के लाल किला बम धमाके की जांच कर रही एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है. NIA ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी करते हुए राष्ट्रीय राजधानी से आमिर राशिद अली नाम के शख्स को दबोचा है. बताया जाता है कि धमाके को अंजाम देने वाली i20 कार इसी आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी. एनआईए ने दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद बड़े पैमाने पर छानबीन की जिसके बाद उसे यह कामयाबी मिली.
जांच में सामने आया कि आमिर जम्मू-कश्मीर के सांबूरा, पंपोर का रहने वाला है. उसने पुलवामा के उमर उन नबी नाम के शख्स के साथ मिलकर ये हमला प्लान किया था. आमिर दिल्ली इसलिए आया था ताकि उस कार को खरीदने में मदद कर सके, जिसे बाद में धमाके के लिए आईईडी (बम बनाने वाला उपकरण) के तौर पर इस्तेमाल किया गया.

गौर करने वाली बात है कि आमिर को 11 नवंबर को हिरासत में ले लिया गया था. हालांकि, लंबी पूछताछ के बाद उसके भूमिका स्थापित करने के बाद रविवार को उसे गिरफ्तार किया.
एनआईए ने फोरेंसिक जांच के जरिए उस ड्राइवर की पहचान की है जो धमाके के वक्त उसी कार में था. उसकी पहचान उमर उन नबी के रूप में हुई है. उमर पुलवामा का रहने वाला था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था. यानी, जो खुद डॉक्टर था, वही आतंकवादी साजिश में शामिल निकला.
अन्य वाहन जब्त, जांच जारी: एनआईए ने उमर उन नबी की एक और गाड़ी भी जब्त की है. अब उस गाड़ी की भी जांच की जा रही है ताकि और सबूत मिल सकें. अब तक एजेंसी 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है, जिसमें धमाके में घायल लोग भी शामिल हैं. यह धमाका 10 नवंबर को दिल्ली में हुआ था, जिसने पूरे देश को हिला दिया था.
NIA की प्रेस रिलीज: सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में इस हमले में कुल 10 लोगों की मौत बताई गई है. हालांकि, पहले अधिकारियों ने बताया था कि इस धमाके में 13 लोगों की जान गई.
एनआईए इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कर रही है. जांच एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश में है कि इस धमाके के पीछे कौन-कौन लोग और संगठन जुड़े हुए थे और उनकी साजिश कितनी बड़ी थी. यह केस नंबर RC-21/2025/NIA/DLI के तहत दर्ज है और जांच अब राज्य से राज्य तक फैल चुकी है.
















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