समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान एक बार फिर जेल जाएंगे. उनकी रिहाई को अभी 55 दिन ही हुए थे कि सोमवार दोपहर अदालत ने उन्हें और उनके बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को दो पैनकार्ड रखने के मामले में दोषी ठहराते हुए सात वर्ष कैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोनों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत के फैसले के तुरंत बाद आजम खान और अब्दुल्ला आजम को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया.
23 सितंबर को जेल से रिहा हुए थे सपा नेता आजम खान को इससे पहले 23 सितंबर 2025 को जमानत पर जेल से रिहा किया गया था. उनकी रिहाई को अभी दो महीना भी पूरा नहीं हुआ था कि यह बड़ा फैसला सामने आ गया. अब पिता–पुत्र दोनों को फिर से सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा. सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए सपा नेता आजम खान केवल 55 दिन ही खुली हवा में रह पाए.

क्या है मामला? रामपुर में भाजपा नेता एवं वर्तमान में शहर विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में सिविल लाइंस थाने में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जिसमें आरोप था कि उन्होंने अपनी उम्र और पहचान से संबंधित दस्तावेजों में हेरफेर किया. जांच के दौरान आज़म खान की भूमिका भी सामने आई, जिसके बाद दोनों पर मुकदमा चलाया गया. इस केस का ट्रायल एपमी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा था, जहां दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो चुकी थी. आज इस मामले में अदालत को अपना फैसला सुनाना था, इसके लिए आजम और अब्दुल्ला दोनों को तलब किया था.
एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला: एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मंगलवार दोपहर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों आरोपियों पर लगे आरोप साबित हुए हैं। अदालत ने दोनों को सात साल की कठोर कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. कानूनी जानकारों का कहना है कि आज़म खान और अब्दुल्ला आज़म उच्च न्यायालय में सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं. फिलहाल आजम खान और अब्दुल्ला आजम को जेल भेजने की प्रक्रिया हो रही है.

















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