दिल्ली ब्लास्ट के बाद लेडी टेररिस्ट डॉ. शाहीन सईद के मददगारों की जांच में सुरक्षा एजेंसियां जुट गई हैं. कानपुर में ATS और NIA की टीमों ने 12 से अधिक जगहों पर छापेमारी की है. इस दौरान हितकारी नगर से हरियाणा नंबर की एक कार भी बरामद की.
इसके अलावा, कानपुर मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) छोड़कर बिना बताए गायब होने वाले 7 डॉक्टरों से पूछताछ की गई है. पूछताछ में अधिकतर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज छोड़ने का कारण कम सैलरी और ज्यादा खर्च बताया. वहीं, शाहीन के भाई के ससुराल वालों से भी एजेंसियों ने पूछताछ की है.

यह भी खुलासा हुआ है कि लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में डॉ. परवेज को नौकरी शाहीन के रेफरेंस के जरिए मिली थी. मड़ियांव में परवेज को घर दिलाने में तमीम का नाम सामने आया है, जिसे लेकर एनआईए और एटीएस पूछताछ कर रही हैं.
दरअसल, एजेंसियों को इनपुट मिले थे कि शाहीन सईद ब्लास्ट से 25 दिन पहले कानपुर आई थी. शाहीन के साथ कितने डॉक्टरों ने कानपुर मेडिकल कॉलेज में जॉइन किया था, उनमें से कौन-कौन उससे करीबी संबंध रखते थे. किसका उसके घर आना-जाना था। इससे जुड़ा पूरा डेटा खंगाला जा रहा है.
दिल्ली ब्लास्ट के बाद यूपी से अब तक 5 डॉक्टरों की एजेंसियां उठा चुकी है. सबसे पहले सहारनपुर के डॉ. आदिल को पकड़ा गया. फिर लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन सईद और उसके भाई परवेज को ATS ने गिरफ्तार किया.
इसके बाद कानपुर हृदय रोग संस्थान के डॉक्टर आरिफ को भी हिरासत में लिया. हापुड़ के प्राइवेट जीएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर फारूख (34) को एजेंसियों ने उठाया था। हालांकि, पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया.
















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